बोकारो जिले के आदिवासी को सखुआ का पत्ता दे रहा रोजगार...

 

बोकारो जिले के जरीडीह प्रखंड अंतर्गत बरवाडीह गांव में रहनेवाले आदिवासी समुदाय के लोग सखुआ के पत्ते का पत्तल व दोना बनाते हैं। सखुआ का पत्ता इनकी जीविका का आधार बन गया है। इसकी बिक्री से इनका गुजर-बसर हो रहा है। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासी समुदाय के लोग जुरगुंडा का झाड़ू बनाने में भी माहिर हैं। आदिवासी समुदाय के लोग पत्तल, दोना, दातुन व झाड़ू की बिक्री कर अपना व परिजनों का पेट पाल रहे हैं।

इस गांव में रहनेवाले दस-पंद्रह परिवार के सदस्य पत्तल, दोना व झाड़ू बनाते हैं। इन्होंने अपने बुजुर्गों से इसे बनाना सीखा। कुछ बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके अपनों ने इनसे नाता तोड़ लिया है। ऐसे में हुनर ही इनके काम आ रहा है। आदिवासी समुदाय के लोग पारटांड़, पाथुरिया व तिलैया के जंगल में जाते हैं और वहां से सखुआ का पत्ता व जुरगुंडा तोड़ कर लाते हैं। इसके बाद वे सखुआ के पत्ते से पत्ता व दोना बनाते हैं। जरगुंडा से झाड़ू बनाते हैं। यह सब बेज कर  खुदका का गुजरा कर लेते  है। अभी तक इनके पास सरकारी तरफ से कोई भी सहायता नहीं आया है । 


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