आदिवासी महिलाओं ने वनकर्मियों को चप्पलों से पीटा, शराब पीकर उनके साथ दुर्व्यवहार का आरोप....

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वन विभाग पर बिना कोई सूचना दिए वन भूमि पर आदिवासियों की झोपड़ियों को तोड़ने का भी आरोप लगाया गया है। 


आदिवासी महिलाओं ने वन विभाग के कर्मचारियों पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए चप्पल से पीटा। वन भूमि पट्टा मामले को लेकर कुछ गांव के लोग वन परिक्षेत्र कार्यालय पहुंचे थे, यहां उन्होंने बिना सूचना दिए आदिवासियों की झोपड़ियां तोड़ने का भी आरोप लगाया।




घटना धूमा थाना क्षेत्र का है, जहां के ग्राम नागनदेवरी, मोहगांव के लोग समेत आदिवासी महिलाएं धूमा वन परिक्षेत्र कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान आदिवासी महिला ने वन विभाग के कर्मचारियों के ऊपर अपमानित करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही बिना सूचना दिए वन भूमि पर काबिज आदिवासियों की झोपड़ियां तोड़ने का भी आरोप लगाया है। इसके बाद आदिवासी महिलाओं ने वन विभाग के कर्मचारियों की चप्पलों से पिटाई शुरू कर दी।




यह उल्लेखनीय है कि जिस भूमि पर आदिवासियों की झोपड़ियाँ थीं उन्हें ध्वस्त कर दिया गया है। उस जमीन को लेकर पहले से ही राजस्व विभाग और वन विभाग के बीच विवाद चल रहा था, लेकिन सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत वन विभाग ने झोपड़ियों को तोड़ दिया।




आदिवासी नेता मनेगल सिंह वादीवा ने कहा कि - 'न तो कोई नोटिस दिया गया है और न ही मलिन बस्तियों को हटाने के लिए कोई सूचना दी गई है। 7 जनवरी को, वन विभाग के कर्मचारी शराब पीकर पहुंचे और झोपड़ियों को तोड़ दिया, इसके अलावा उन्होंने आदिवासी महिलाओं के साथ घिनौनी हरकत की।




इस मामले में, धूमा वन क्षेत्र अधिकारी छबीललाल चौधरी ने कहा कि - 'पूरी घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और उनके निर्देश के बाद कार्रवाई की जाएगी।'

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