वन क्षेत्र की रक्षा के लिए आदिवासी प्रतिज्ञा लिया।
अनुसूचित जनजाति और पारंपरिक वनवासियों की ओर से गठित वन अधिकार समिति से संबंधित आदिवासियों ने नवाडीह प्रखंड के छपरी पंचायत के अंतर्गत रेलियाबेडा के मुंगो गांव की पांच सौ एकड़ भूमि वन क्षेत्र की रक्षा के लिए सुरसित कर दिया। साथ ही, उस वन क्षेत्र पर अपना अधिकार जताते हुए, उन्होंने इसकी रक्षा करने का संकल्प लिया। यहां मौजूद आदिवासी महिला-पुरुषों ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम -2016 के तहत, वर्ष 2005 से पहले जिस क्षेत्र में लोग जुताई कर रहे हैं, उसकी भूमि उन लोगों को जुताई के लिए दी जाती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लोग शुरू से ही जल, जंगल और जमीन की रक्षा करते रहे हैं।

पर्यावरण संरक्षण के लिए जंगल को कटने से बचाना होगा। इसलिए, आदिवासियों को सुरक्षित क्षेत्र के रूप में पाँच सौ एकड़ वन भूमि का सीमांकन किया गया। बताया कि वन संशोधित नियम -2012 के तहत जंगल में पेड़ों की कटाई, आग लगाना और जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं है। पकड़े जाने पर वन अधिकार समिति की ओर से ग्राम सभा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर सीताराम किस्कू, मंगल टुडू, संजय मुर्मू, देवी लाल सोरेन, परमेश्वर बास्के, बाबूलाल मांझी, धनेश्वर मांझी सहित आदिवासी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
[…] लिया गया कि Tribal Sarna Youth Association का जन जागरूकता अभियान निरक्षरता, अंधविश्वास और नशीली दवाओं […]
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