कृषि आंदोलन पर प्रधान मंत्री की "सुनियोजित रणनीति"

New Delhi: Pm नरेंद्र मोदी आज कृषि आंदोलन पर प्रधान मंत्री की सुनियोजित रणनीति । बार बार लोक सभा मैं खड़े हुए और फिर से आंदोलनजीवी पर उठाया सवाल। पिछले बार जब राज्यसभा में पीएम ने आंदोलनजीवी शब्द का प्रयोग किया था तो काफी बवाल हुआ था राज्यसभा मै। किसान संगठनों से लेकर विपक्ष ने पीएम मोदी पर हमला बोला था।
आज फिर पीएम ने फेर से ओहि शब्द को दोहराया है। ओर यह भी कहा की बताया कि आंदोलनकारी और आंदोलनजीवी में क्या फर्क होता है। रंजन चौधरी की टोकाटाकी 'दादा, अब ज्यादा हो रहा है' लोग सभा मैं नाराज हो गए पीएम मोदी।
पीएम मोदी ने राज्यसभा मै आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, अर्थव्यवस्था, कोरोना महामारी और कृषि आंदोलन पर अपनी बात करी। पीएम मोदी डेढ़ घंटे लंबा भाषण सुनाने के बाद किसानों पर आई । पीएम मोदी कृषि आंदोलन बारे मैं भोहत कुछ कहा । पीएम मोदी ने कहा कि आशंकाओं को हवा दी जाती है कि यह हो जाएगा, वह हो जाएगा। यह माहौल आंदोलनजीवी ही पैदा करते हैं।
पीएम मोदी किया कृषि आंदोलन पर सवाल ?
अगर आंदोलन कृषि कानूनों की बात है, तो यह लोग जो जेल में, जो आतंकवादी जेल में हैं, जो नक्सलवादी जेल में हैं उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग कियू कर रही है। यह तो कोई कृषि कानूनों मैं नहीं है। पीएम मोदी ने कहा उन्होंने कहा कि इस देश में टोल प्लाजा सभी सरकारों की व्यवस्था है, उस टोल प्लाजा को तोड़ना, उस पर कब्जा करना, उस टोल प्लाजा को न चलने देना यह तरीके क्या पवित्र आंदोलन करने को कलंकित करने का काम नहीं है?
पीएम का संदेश किसान के लि?
जब पंजम पंजाब की धरती पर सैकड़ों टावरों को तोड़ना क्या समाधान है, क्या किसान के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनजीवियों ने नहीं किया! अभी देश को इन आंदोलनजीवियों से बचाना जरूरी है।
कृषि आंदोलन को मैदे रख ते हुए मोदी ने कहा की सालों से हमारा कृषि क्षेत्र चुनौतियां महसूस कर रहा है। उसे बाहर लाने के लिए कुछ प्रयास करने होंगे। कृषि क्षेत्र की चुनौतियों को खत्म करने के लिए हमें प्रयास करना होगा।
पीएम मोदी ने कांग्रेस सरकार पर अपना निशाना मार हुए यह कहा की कानून के कलर पर तो बहुत चर्चा कर रहे हैं, ब्लैक है कि वाइट है.. अच्छा होता उसके कॉन्टेंट और इन्टेंट पर चर्चा करते। दादा (अधीर रंजन चौधरी) ने भी भाषण किया। वह ज्यादातर इस पर लगे रहे कि पीएम और उनके साथी बंगाल क्यों जा रहे हैं। दादा तो इसी पर लगे रहे। दादा के ज्ञान से हम वंचित रह गए। इस पर सदन में बैठे सत्तापक्ष के सदस्यों के चेहरों पर मुस्कान आ गई।
मोदी ने कहा कानून मैं किया खराब है।
मोदी ने कहा हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता है। हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है। कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ। ये सच्चाई है। इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है।
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