आदिवासी माझी बाबाओं ने बाबूलाल मरांडी बयान खिलाप खड़े उतरे
घाटशिला के पावड़ा में मंगल बार को डिसम परगना बैजू मुर्मू की अध्यक्षता में माझी परगना महाल की बैठक हुआ था। इस दौरान माझी परगना बाबाओं ने कहा की पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी समाज पिछले कुछ दिनों से आदिवासी को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। इस बैठक में आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के तहत माझी परगना महाल पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बयानों की घोर निंदा की। माझी परगनाओ ने कहा बाबूलाल मरांडी का सामाजिक जीवन विश्व हिदू परिषद के स्कूल से शुरू हुआ, इसलिए वे हिदू धर्म के अनुयायी हो गए हैं। बाबूलाल मरांडी को अभी तक नही पता की आदिवासी रीति रिवाज, पूजा-पद्धति, धर्म संस्कृति और परंपरा बारे मैं अभी तक ठीक से पता है।
इस लिए वो आदिवासी समाज को विश्व हिदू परिषद व आरएसएस के दिशा-निर्देश पर आदिवासियों को दिग्भ्रमित कर जबरन हिदू बनाने पर तुले हुए हैं। उनेह को अभी तक ज्ञात होना चाहिए कि किसी व्यक्ति को जबरजस्ती किसी धर्म का बताना या धर्मांतरण कराना गैर कानूनी है। बाबूलाल मरांडी अभि तक खुतको हिन्दू ही मानते रहे है।
इस लिए बाबूलाल मरांडी को आदिवासी अपने धर्म, भाषा, संस्कृति, पूजा-पद्धति, रीति-रिवाज को छोड़कर हिदू, मुस्लिम, सिख, इसाई या बौद्ध धर्म में धर्मांतरित हुए हैं, उन्हें आदिवासियों को दिए गए संवैधानिक, सरकारी सहायता या आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। आदिवासी विरोधी बयान आरोप के लिए बाबूलाल मरांडी को आदिवासी माझी बाबाओं ने अखरा में बुलाया जाएगा। इस बैठक में परगाना बाबाओं ने आदिवासियों से अपील करते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी की बातों में न आएं और बाबूलाल मरांडी का विरोध करें। आदिवासी सरना हैं। बैठक में तोरोप परगना, दासमत हांसदा, मंगल चंद्र टुडू, हरिपदो मुर्मू, लखन मार्डी, दुर्गाचरण मुर्मू, मधु सोरेन, रामराय हांसदा, गुमदा मार्डी, सुकुमार सोरेन समेत समाज के कई लोग उपस्थित थे।
[…] […]
ReplyDelete[…] भाले आदिवासियों को भ्रमित कर रहा है। बाबूलाल मरांडी आदिवासियों से उनका धर्म, […]
ReplyDelete[…] झारखंड में 32 जातियां हैं। देश में आदिवासियों की एक बड़ी आबादी है, जो खुद को हिंदू लिखते हैं। अब अगर कोई ओवरपॉवर करता है, तो इसका इलाज क्या है? कहा, उन्हें (मुख्यमंत्री) पूरे देश का अध्ययन करना चाहिए। अन्यथा, एक सरकारी टीम स्थापित की जानी चाहिए। बाबूलाल ने कहा कि अगर झारखंड में मुंडा, उरांव और संताल की बड़ी आबादी है, तो उनमें से कई ईसाई बन गए हैं, तो हेमंत सोरेन इसके बारे में क्या कहेंगे। वे मानव शास्त्र के जानकार हैं। […]
ReplyDelete