कल्याण आदिवासी छात्रावासों के परिसानो लेकर छात्र नेता श्यामदेव हेंब्रम की आन्दोलन






दुमका: बुधवार को छात्रों ने पुराने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया और कल्याण आदिवासी छात्रावासों में बुनियादी समस्याओं के निदान के लिए उपायुक्त को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा। छात्राओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समस्याओं का निदान नहीं हुआ तो आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी।





कल्याण आदिवासी छात्रावासों के नेता श्यामदेव हेम्ब्रम ने कहा कि कल्याण छात्रावासों में रसोइया नहीं हैं। इसके कारण सभी को पढ़ाई छोड़कर खाना बनाना पड़ रहा है। खाने के लिए कोई प्लेट, कुर्सी, मेज, बिस्तर, मच्छरदानी और झाड़ू आदि नहीं है। सफाई न होने के कारण गंदगी के बीच हमे रहना पड़ता है। आज तक हमारे छात्र बसों को सफाईकर्मी नहीं मिला है। इसके लिए कई बार विभाग और प्रशासन से अनुरोध किया गया था , लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला रहा है। विभाग मांग की अनदेखी कर रहा है। अब यह नहीं चलेगा। अगर इस बार भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो अनिश्चितकालीन धरना और आर्थिक नाकेबंदी को मजबूर होना पड़ेगा। छात्र नेता राजेंद्र हेम्ब्रम ने कहा कि पानी कोई व्यवस्था नहीं है। सिर्फ कहने के लिए एक छात्रावास है। पहले अखबार पढ़ने के लिए दिए जाते थे, लेकिन अब इसे भी बंद कर दिया गया है। छात्राओं के लिए एक अलग पीजी छात्रावास का निर्माण किया जाना चाहिए। खेल उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। मुख्य सड़क से छात्रावास तक पीसीसी सड़क का निर्माण होना चाहिए। शौचालय का नवीनीकरण होना चाहिए।





छात्र नेताओं राजीव बास्की और मनवेल मुर्मू ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण छात्रावास की मरम्मत की जानी चाहिए और सभी छात्रावासों के लिए एक अलग ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। राजेंद्र मुर्मू और हरेंद्र हेम्ब्रम ने कहा कि महिला छात्रावास में नाइट गार्ड नहीं है। इस वजह से हर समय कुछ अनहोनी होने का अंदेशा बना रहता है। अगर इस बार भी विभाग और प्रशासन उनकी मांग को नजरअंदाज करते हैं, तो आंदोलन होना तय है। धरने में दिनेश टुडू, थॉमस मुर्मू, बिट्टी टुडू, मरला टुडू, ठाकुर हांसदा, मंगल सोरेन और बादल किस्कू के अलावा बड़ी संख्या में छात्र और छात्राएं शामिल थे।


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